अपने नहीं हुए हम

अपने नहीं हुए हम
किस बात का है हमें, गम
जब अपने नही हुए हम
आपने ने जैसा कहा वैसे हो गए हम
झुटी तसलली के भी हो गए हम
आप क्या समझोगे कितना कुछ सह गए हम
हस्ते - हस्ते हर बात आपसे बात कह गए हम
किस बात का है हमें, गम
जब अपने नही हुए हम...!
A silent person ✍️

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