बचपन वाली बात

देखते देखते हम कितने बड़े हो गए
वो बचपन कितना अच्छा था
जब मन अपना सच्चा था
न किसी से कुछ लेना था
न किसी को कुछ देना था
न प्यार था न उसका खुमार था
बुखार था पर उसका इलाज था
वो बचपन कितना अच्छा था
एक सच सपना था...!
A silent person ✍️

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