वर्तमान और भविष्य
वर्तमान और भविष्य
वर्तमान और भविष्य
कभी कभी यह सोच कर टूट जाता हूं
की जो कर रहा हू ,
क्या वो सही कर रहा हूं?
सभी अपनी मंजिल का रास्ता खुद चुनते हैं
डर तो सभी को लगता हैं
हार जाने का,
क्या हार गया, तो फिर खुद खड़ा हो पाऊंगा?
लोग साथ छोड़ गए तो,
क्या अकेले रह पाऊंगा?
अगर जीत गया तो,
क्या उन खोए हुए लम्हों को फिर से जी पाऊंगा?
इतनी सारी शर्तों को,
क्या खुद से पूरा कर पाऊंगा?
इतना क्यों डरता हूं इन सब बातों से
क्या यह मैं तुमसे कभी कह पाऊंगा...?
A silent person ✍️
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